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भांगड़ा नृत्य संगीत
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क़दम

फिर एक रविवार आया है,
खामोशी इतनी पास लगती है।
भारी सोचों में डूब जाता हूँ,
क्योंकि मैं तुम्हारे साथ नहीं हूँ।
हमारे बीच की यह दूरी
मानो पार न हो सके।
यह मुझे भीतर तक खींच लेती है—
मैं कुछ भी नहीं कर सकता।

काश हम ये कदम चल पाते,
आधे रास्ते में मिल पाते।
उम्मीद अँधेरा मिटा सकती है,
और उपचार शुरू हो सकता है।
अगर हम एक-दूसरे का हाथ थाम लें,
तो यह दर्द धीरे-धीरे खो जाएगा।
एक नया समय हमें ढूँढ लेगा,
और प्रेम की खूबसूरती जीत जाएगी।

हम इतने दूर खड़े हैं,
लोगों की कितनी बातें सुनते हैं—
दया के एक ईश्वर के बारे में,
जिसे सदियों से खोजा जाता रहा।
अगर हम वही एक आत्मा महसूस करें
जो हम सबको घेरे रहती है,
तो फिर कैसे
हम नफ़रत में खो जाएँ?
जब जवाब तो इतना पास है।

काश हम ये कदम चल पाते,
आधे रास्ते में मिल पाते।
उम्मीद अँधेरा मिटा सकती है,
और उपचार शुरू हो सकता है।
अगर हम एक-दूसरे का हाथ थाम लें,
तो यह दर्द धीरे-धीरे मिट जाएगा।
एक नया समय हमें मिल जाएगा,
और प्रेम की शक्ति जीत जाएगी।

मुझे पता है, यह बहुत कठिन है—
माफ़ी माँगना
और अपनी सच्ची ज़रूरतें कहना।
हम इतने कठोर क्यों हैं?
दूसरे की बातें हमेशा गलत लगती हैं,
पर सच के कई रूप होते हैं।
हम इतने कठोर क्यों हैं—
कड़वे झगड़ों में फँसे रहते हैं?
हम सच में कब तैयार होंगे?

हम सचमुच ये कदम चला सकते हैं,
आधे रास्ते में मिल सकते हैं।
उम्मीद अँधेरा मिटा सकती है,
और उपचार शुरू होगा।
चलो अभी हाथ बढ़ाएँ,
ताकि दर्द धीरे-धीरे दूर हो जाए।
एक नया समय हमें मिले,
और प्रेम की खूबसूरती फिर जीत जाए।

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